प्रेस क्लब आफ इंडिया में आयोजित हुआ निवेशक जागरुकता कार्यक्रम
सी एम पपनै
नई दिल्ली। 5 अप्रेल, सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप चंडीगढ़ द्वारा प्रेस क्लब आफ इंडिया के खचाखच भरे सभागार में निवेशकों की चेतना को जागृत करने हेतु प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि वक्ता वरुण गुप्ता रिजनल हैड मुंबई स्टॉक एक्सचेंज दिल्ली, विशिष्ट अतिथि वक्ता राजेश डनगीटी सेबी मुंबई तथा सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप चेयरमैन सुरेन्द्र वर्मा मंचासीनो की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
निवेशक जागरुकता अभियान के क्रम में प्रेस क्लब आफ इंडिया सभागार में उपस्थित निवेशकों सहित विभिन्न मीडिया समूहों व स्वतंत्र पत्रकारों को शेयर बाजार इत्यादि में पूंजी निवेश किस तरह सतर्कता बरत कर किया जा सकता है के बावत मंचासीन वक्ताओं द्वारा ज्ञानवर्धक जानकारियों से अवगत कराया गया।
मंचासीन वक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया, सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप के माध्यम से समय-समय पर देश के विभिन्न नगरों व महानगरों में निवेशकों को जागरुक करने व सही ज्ञान देने के लिए वर्कशाप लगाकर पूंजी निवेश हेतु शिक्षित किया जाता रहा है। अवगत कराया गया, पूंजी निवेश करने के इच्छुक लोगों को अपनी पूंजी सोच समझ कर निवेश करनी चाहिए। निवेश तभी करे जब उसकी पूरी जानकारी हो।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से जुड़े वक्ताओं द्वारा कहा गया, जब निवेश आमंत्रित करने के लिए कोई पॉलिसी बनाई जाती है तो तो निवेशक की भलाई के लिए सोचा जाता है। सोच होती है निवेशक को कैसे बचाया जाए। उक्त कार्य हेतु अनुशासन जरूरी होता है।
वक्ताओं द्वारा उदाहरण स्वरूप कहा गया, खेती-किसानी में सही बीज बोए। जो पौंधा आए उसकी सुरक्षा करे। उक्त पौंधा बड़ा हो जाए तो उसकी देखरेख करते रहें, फल इत्यादि इत्यादि जो भी प्राप्त हो रहा है सदुपयोग कर लाभ उठाते रहे। कहा गया, यही क्रम पूंजी निवेश में लागू होता है। अगर आपको फल या लाभ नहीं मिला तो बेकार है। निवेश ऐसी जगह करना चाहिए जहा नियमों का पालन हो। जहा निवेशक की सुनी जाए। मदद की जाए। जब चाहे निवेशक अपने शेयर बेचे या खरीदे, यह देखना होगा। ये सब निवेशक के फायदे हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से जुडे़ वक्ताओं द्वारा कहा गया, कुछ जगह हैं जहां आपकी सुनवाई होती है। सिस्टम बहुत अच्छा है। अगर आप किसी से संतुष्ट नहीं हैं तो हट सकते हैं। अवगत कराया गया सेबी में पैंतालीस हजार शिकायते प्रतिवर्ष आती हैं। हर शिकायत संतोष जनक नहीं होती है। अधिकतर निपटा दी जाती हैं।
वक्ताओं द्वारा कहा गया, निवेश करने में रिस्क जरूरी है। आखिर निवेश की जरूरत क्यों है? निवेश मुख्य है। निवेशक मुख्य है। निवेश कैसे करना चाहिए? क्यों करना चाहिए? निवेश करने का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य क्या है? आप कितना रिस्क लेना चाहते हैं? आपको किसमें निवेश करना है?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से जुडे़ वक्ताओं द्वारा कहा गया, स्टॉक मार्केट रिस्क वाला है। रिस्क नहीं लेने वालों के लिए यह नहीं है। आपका प्रलोभन कितना है? कितना वापस आएगा? पैसा कमाना आसान नहीं है। निवेश आसानी से हो सकता है। फायदा मिल सकता है। जिसके चार पांच पैरा मीटर हैं। इस लाइन में निवेश करने के लिए 1986 से सेंसेक्स को प्राप्त करना शुरू किया गया है। स्टॉक लाइन में निवेश करते ही बाज़ार भाव देखना शुरू कर दिया जाता है। कोई भी निवेश करें उसकी भेल्यू जरुर जाने। अवगत कराया गया स्टॉक मार्केट में गारंटी रिटर्न नहीं है। बीस पच्चीस वर्षो से सेबी मार्किट कैशलेस चल रही है। आने वाले समय में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए विस्तार किया जा रहा है। निवेशक को नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।
जागरुकता अभियान के इस अवसर पर अनेकों निवेशकों व पत्रकारों द्वारा निवेश से जुड़े मुद्दों पर मंचासीन वक्ताओं से सवाल जवाब किए गए। वक्ताओं द्वारा बखूबी उठाए गए मुद्दों व पूछे गए सवालों का जवाब सेबी की गाइड लाइन को मध्ये नजर रखते हुए बखूबी दिए गए।
रजिस्टर्ड निवेशक सेबी के ऐप ‘सारथी’ में शिकायते दर्ज कर सकते हैं। घर-घर निवेशकों तक संदेश जाए, निवेशक जगे, यही आज के आयोजन का उद्देश्य है, शब्दों के उच्चारण के साथ ही मुख्य आयोजक तथा सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप चेयरमैन सुरेन्द्र वर्मा द्वारा आयोजित आयोजन समाप्ति की घोषणा की गई।