मानसिक स्वास्थ्य का महत्व व्यक्ति के समग्र शारीरिक कल्याण से जुड़ा है–डॉ. अनिंद्य दास
चन्द्रमोहन जदली (देहरादून)।
आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में जन-जागरुकता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसके तहत सोमवार को विभाग द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन कर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति रोगियों, उनके तीमारदारों और अन्य नागरिकों को जागरुक किया गया। बताया गया है कि इस वर्ष इन कार्यक्रमों का आयोजन पूरे माह किया जाना है।
10 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष ’विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का समग्र उद्देश्य दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जनसामान्य में जागरुकता बढ़ाना है। यह दिन मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर कार्य करने वाले सभी लोगों को अपने काम के बारे में बात करने का अवसर प्रदान करता है। एम्स ऋषिकेश का मनोचिकित्सा विभाग इस दिन मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जन जागरुकता के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग और मनोचिकित्सा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम पर पोस्टर प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा और कई अन्य जागरुकता कार्यक्रम शामिल हैं।
इस बाबत मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. अनिंद्य दास ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य का महत्व व्यक्ति के समग्र शारीरिक कल्याण से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए जरूरी है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति मानसिकरूप से भी स्वस्थ हो। वर्तमान जीवन शैली में विभिन्न सेलिब्रिटियां और राजनेता सहित आम लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बहुत चिंतित हैं। जब हमारा मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी हम अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में बेहतर परिणाम दे पाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के उपाय तलाशें और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह का अनुसरण करें। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एम्स के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा सैन्य अधिकारियों और शासन के अधिकारियों को व्याख्यान देकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर वयस्कों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रसार लगभग 11 प्रतिशत है, जबकि किशोरों में यह लगभग 8 प्रतिशत है।
विभाग के डॉ. विशाल धीमान ने बताया कि सोमवार को मनोचिकित्सा ओपीडी एरिया में रोगियों और उनके तीमारदारों को मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल हेतु विभिन्न लाभप्रद जानकारियां दी गई। इस दौरान पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन कर लोगों को इसके प्रति जागरुक भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवि गुप्ता, डॉ विजय, डॉ. विक्रम सहित कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. स्मिता अरोड़ा, डॉ. बेलसियाल, डॉ. राजेश सहित नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहा।