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सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर समिति थनगढ़ घाटी मनियारस्यू पौड़ी का चमत्कार

सी एम पपनैं
नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड मे आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा निर्मित 360 मंदिरों मे से एक स्थापित आदिशक्ति पीठ थानेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर जनपद पौड़ी गढ़वाल मे मंडल मुख्यालय पौड़ी से मात्र 25 कि.मी. दूर कांसखेत-सतपुली मोटर मार्ग के बीच से कट कर बनाऐ गए बनेखाल मोटर मार्ग पर थनूल गांव मे स्थित है। थनगढ़ की निर्मल नदी के दक्षिण छोर पर स्थिति थनूल ग्राम की सीमा स्थित सुरम्य स्थान पर स्थित इस पौराणिक मंदिर की शिल्पकला अति प्राचीन है। यह रमणीक स्थल न केवल तीर्थाटन बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत दार्शनिक व मनभावन है।
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन यहां प्रतिवर्ष बहुत बड़ा मेला लगता है। अनेक राज्यो के भक्तगण भगवान् के दर्शन हेतु यहां आते हैं। मान्यतानुसार सूतक की अवस्था मे मंदिर मे प्रवेश वर्जित होता है। मंदिर परिसर मे निःसन्तान दंपति बैकुंठ चतुर्दशी को रात भर दोनों हाथो मे प्रज्वलित दिए को खड़े हो थाम कर तपस्या मे लीन रहते हैं। अर्घ देकर भगवान को संतान प्राप्ति हेतु प्रसन्न करने का विश्वास मन मे जगा, मनोकामना पूर्ति का अहसास करते हैं। इस मंदिर के आसपास खुदाई मे पांडुलिपि शिलाए व ताम्रपत्र मिले हैं, जो पुरातत्व विभाग के संरक्षण मे सुरक्षित हैं। मान्यताओं मे इस पवित्र शिवालय का उल्लेख केदार खंड मे भी किया गया है। स्थानीय स्तर पर अनेकों किवदंतिया इस पवित्र स्थल से जुड़ी हुई हैं, जिनसे इस पैराणिक व ऐतिहासिक मंदिर का महत्व और भी ज्यादा उजागर होता है। थानेश्वर मंदिर की देखरेख, मेले इत्यादि का जिम्मा इर्दगिर्द बसे करीब दो दर्जन ग्राम वासियों द्वारा गठित समिति के द्वारा पीढ़ियों से किया जाता रहा है।
शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार व अच्छे जीवन यापन की चाहत मे इस क्षेत्र के गांवो से भी  भारी तादात मे ग्रामवासियों ने पलायन जरूर किया, परन्तु आस्था के प्रतीक सदियों पुराने सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर पर ग्रामवासियों की बनी आत्मिक आस्था व  प्राप्त पुण्य क्षेत्रवासियो के ऊपर पर सदा बना रहा। इस क्षेत्र के ग्रामवासी प्रवास मे जीविकोपार्जन के साथ-साथ अपने सिद्धपीठ मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रयास रत रहे हैं। इसी विकास के क्रम मे ग्रामवासियों ने दिल्ली प्रवास मे आपसी धन संग्रह के माध्यम से मंदिर के सु-व्यवस्थित परिचालन व दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए धर्मशाला का निर्माण कार्य स्वयं के प्रयास से करवाया। मुख्य सड़क मार्ग से मंदिर तक सड़क ले जाने का अथक प्रयास किया। प्रशासन द्वारा सड़क पास की गई। पीडब्लूडी द्वारा निर्माण कार्य भी आरम्भ किया गया। प्रशासनिक कमजोरी के कारणवश बाद के दिनों मे विभाग द्वारा सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया।
मंदिर समिति व क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगो ने प्रदेश सरकार के उच्च नुमाइंदो से सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु कई मर्तबा आग्रह किया। पत्र भी लिखे। कामयाबी नही मिली। राज्य कैबिनेट पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से भी कई मर्तबा ग्रामीणों ने सम्पर्क किया, पत्र लिखे। उन्होंने मंत्री स्तरीय स्वीकृति भी प्रदान की। अपर मुख्य सचिव पीडब्लूडी को कार्यवाही हेतु 25 सितम्बर 2018 को लिखा भी, परन्तु आजतक न ही अधूरा सड़क निर्माण कार्य आरम्भ हुआ, न ही मंदिर समिति को कोई प्रशासनिक जवाब मिला। पौड़ी जनपद की पट्टी मनियारस्यू की थनगढ़ घाटी के हजारों क्षेत्रवासियो की सदैव नितांत इच्छया रही है कि उनका प्राचीन सिद्धपीठ थानेश्वर मंदिर सड़क मार्ग से जुड़े। सौन्दर्य से परिपूर्ण उनकी रमणीक थनगढ़ घाटी को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित किया जाए।
इस हेतु उत्तराखंड राज्य सरकार के सम्बद्ध विभाग को प्रिंट व इलैक्टिनिक मीडिया के प्रबुद्ध सु-विख्यात पत्रकारों व्योमेश जुगरान, प्रदीप वेदवाल, चंद्रमोहन पपनैं, चारु तिवारी, डॉ त्रिलोमनी भट्ट, गोपाल सिंह नेगी, अनु पंत, आनंद जोशी, मीना कंडवाल इत्यादि को मंदिर समिति द्वारा 4 अगस्त को पत्रकार वार्ता गढ़वाल भवन मे आमंत्रित कर पौराणिक मंदिर के साक्ष्यों व क्षेत्र विकास के लंबित पड़े कार्यो से अवगत कराया।अधूरी पड़ी सड़क निर्माण के बावत अवगत करा, समाधान तलाश सम्बद्ध मंत्रालय को अवगत कराने का आग्रह किया। पत्रकारो के माध्यम से सरकार से मांग रखी उक्त सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर को कमलेश्वर मंदिर की तरह सरकारी मेला आयोजन अनुदान विख्यात पौराणिक सिद्धपीठ थानेश्वर मेले के आयोजन हेतु आवंटित किया जाय तथा थनगढ़ घाटी को पर्यटन स्थल के रूप विकसित करने हेतु सरकार तुरंत प्रभावशाली योजना बनाऐ।
समिति पदाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया इन विकास कार्यो के बल इस क्षेत्र के लोगो को रोजगार की प्राप्ति होगी। पलायन पर अंकुश लगेगा। पर्यटन से लोगो की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस अवसर पर पत्रकारो के हाथों लोकगायक मुकेश कठैत द्वारा गाए गीत ‘थानेश्वर महादेव गीत’ कैसेट का लोकार्पण भी किया गया। पत्रकार वार्ता मे समिति के पदाधिकारियों मे समिति संरक्षक विजय सिंह नेगी, जगपाल सिंह रावत, अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, महासचिव व सचिव क्रमशः हरीश भट्ट व विमल रावत तथा विनोद कबटियाल, संदीप नेगी, जितेंद्र नेगी, नरेश नेगी, कमल नेगी, कमल सिंह रावत, केशर सिंह नेगी, आनंद सिंह रावत, जगपाल सिंह नेगी ने पत्रकारों को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करा, समाधान तलाशने का आग्रह किया।
पत्रकार वार्ता की समाप्ति पर सु-विख्यात गढ़वाली लोकगायक सत्येन्द्र फण्डरियाल ने पत्रकारो के सम्मान मे महादेव को समर्पित अपनी नई गीत रचना को एक निराले व प्रभावशाली अंदाज मे सुनाया। बोल थे-
चंगा चारो धाम देखा, वर्मा जी का काम देखा….बम बोला भंडारी…हरि को हरि देखा, बद्री केदार देखा…डमरू वाला जोगी देखा…।
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One thought on “सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर समिति थनगढ़ घाटी मनियारस्यू पौड़ी का चमत्कार

  • Maj Onkar Uttarakhandi (Negi)

    मेरे विचार से श्रद्धालु यात्रियों के लिये सिद्ध पीठ की महिमा व पूजा विधि, विकास प्रयास से अलग होने से अच्छा रहेगा !
    विकास प्रयास हमारा अंदरूनी मामला है व सिद्धपीठ की जानकारी देश प्रदेश के लिये आम जानकारी स्वरूप होने से अच्छा रहेगा !
    हमारे निवेदन, मांग व सरकार के प्रयास अंदरूनी मामले का हिस्सा है !
    जय थानेश्वर महादेव की !
    ओंकार

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