पीएम मोदी की मणिपुर यात्रा ऐतिहासिक – उत्तर-पूर्व बनेगा विकास का नया इंजन : तरुण चूग”**
-उतर पूर्व अब बनेगा भारत की विकास यात्रा का इंजन – तरुण चूग”
Amar sandesh नई दिल्ली ।भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चूग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मणिपुर और उत्तर-पूर्व की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र की शांति, समृद्धि और विकास की दिशा में नया अध्याय खोल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर में उपस्थिति केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि उनके उस दृढ़ संकल्प का परिचायक है जिसके तहत उत्तर-पूर्व को भारत की विकास यात्रा का सशक्त इंजन बनाया जा रहा है।
श्री चूग ने बताया कि इंफाल और चुराचांदपुर में लगभग 8,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन मणिपुर की सड़कों, रेल, हवाई संपर्क, आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा को नई ऊंचाई देगा। उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ न केवल आदिवासी और पहाड़ी समाज को सशक्त करेंगी, बल्कि सामाजिक दूरियों को मिटाकर स्थायी सौहार्द स्थापित करेंगी।
उन्होंने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अब उत्तर-पूर्व को सीमांत नहीं बल्कि भारत की प्रगति का केंद्र माना जा रहा है। 22,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिरीबाम–इंफाल रेल लाइन, हजारों करोड़ की राजमार्ग परियोजनाएँ और 400 करोड़ की लागत से बना इंफाल का नया हवाई अड्डा इस दिशा में मील का पत्थर हैं। चूग ने कहा – “पहली बार सबसे दूरस्थ पहाड़ी गाँव सड़कों से जुड़े हैं और आदिवासी क्षेत्रों के परिवार मुख्यधारा की प्रगति में शामिल हो रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देते हुए मणिपुर में 60,000 नए घर गरीबों के लिए, 1 लाख से अधिक निःशुल्क बिजली कनेक्शन, और 3 लाख से अधिक घरों को नल से जल उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही नए मेडिकल कॉलेज, आयुष्मान भारत का विस्तार और 18 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय आदिवासी क्षेत्रों में बन रहे हैं।
श्री चूग ने कहा – “प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि शांति ही समृद्धि की आधारशिला है।” उन्होंने विस्थापित परिवारों के पुनर्वास हेतु 7,000 नए घरों और विशेष पैकेज का स्वागत किया और कहा कि संवाद और मेल-मिलाप सरकार की रणनीति का मुख्य आधार रहेगा।
अंत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा वास्तव में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की सजीव झलक है। “अब उत्तर-पूर्व उपेक्षा और संघर्ष से परिभाषित नहीं होगा, बल्कि यह भारत के विकास का नया इंजन और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बनेगा।”

