अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ट्राइफेड ने आजीविका सृजन के क्षेत्र में 75 आदिवासी महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया
दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में, सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता रहा है
फिर चाहे वो सांस्कृतिक के क्षेत्र में या आर्थिक, राजनितिक या फिर सामाजिक के क्षेत्र में हो ।
इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव के अनुरूप,ट्राइफेड ने श्री बिश्वेश्वर टुडू, जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री, श्री अनिल कुमार झा, सचिव,जनजातीय कार्य एवं श्री रामसिंह राठवा, ट्राइफेड के अध्यक्ष की गरिमामयी उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में, उन पहलुओ और कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया था जो देश भर से आदिवासी महिला कारीगरों और वन धन लाभार्थियों और आजीविका बढ़ाने की दिशा में
उनके योगदान को प्रदर्शित करते हैं।
हाइब्रिड मोड में आयोजित इस समारोह के अवसर का
जश्न मनाते हुए ट्राइफेड ने आदिवासी महिला अचीवर्स
के प्रयासों को मान्यता देकर 75 आदिवासी महिलाओं के
योगदान को सराहा एवं सम्मानित किया जिन्होंने अपने
समुदायों में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कार्यक्रम के दौरान उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को उनके योगदान और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए
एक स्मारिका और प्रमाण पत्र प्रदान दिया गया।
माननीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू
ने मयूरभंज, ओडिशा की आदिवासी महिलाओं के साथ बातचीत की। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने बताया की अंतर्राष्ट्रीय
महिला दिवस एक बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण में
महिलाओं के प्रयासों और भूमिका का जश्न मनाने का
अवसर है। मुझे खुशी है कि ट्राइफेड ने उपलब्धियों का जश्न मनाने और
हमारी आदिवासी वंचित बहनों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए यह पहल की है। उनका संघर्ष और जिस दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने इस
पर काबू पाया है और अपने परिवारों और समुदाय के
भविष्य और आजीविका को सुरक्षित करने की दिशा में कुछ
कदम उठाए हैं, वह प्रेरणादायक है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय मामलों का मंत्रालय भारत के आदिवासियों की आजीविका बढ़ाने के प्रयास में
ट्राइफेड को अपना समर्थन और सहयोग देता रहेगा।
जनजातीय मामलों के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने कहा कि “आज एक अवसर है जहां हम महिलाओं की अदम्य शक्ति, नारी शक्ति को सलाम करते हैं, और यह मुझे
खुशी देता है कि ट्राइफेड ने इन उल्लेखनीय महिलाओं को हमारे आदिवासी समुदायों में से चुना है और उनकी भावना को पहचान रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि “वन धन
योजना मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य जनजातीय आबादी विशेष रूप से इसकी महिलाओं को
आजीविका सृजन वृद्धि के माध्यम से सशक्त बनाना है”।
श्री रामसिंह राठवा,ट्राइफेड के अध्यक्ष ने आदिवासी
महिलाओं से उनके संघर्षों, चुनौतियों और अनुभवों के बारे में
बातचीत की। उन्होंने कहा कि महिलाओं की उपलब्धियों काजश्न मनानाऔरउन्हेंमान्यता देना सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं होना
चाहिए। हालांकि आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मैं
आज यहां अपनी
आदिवासी बहनों के साथ हूं और उनके साथ उनकी
उपलब्धियों का जश्न मना रहा हूं।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि ट्राइफेड महिलाओं को उनकी
अधिकतम क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेगा।
ट्राइफेड जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में काम करने
वाली नोडल एजेंसी के रूप में कई पहल कर रहा है जो आदिवासी लोगों की आय और आजीविका में सुधार करने में मदद करता है जबकि उनके जीवन के तरीकों और
परंपराओं को संरक्षित करता है।
ट्राइफेड आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए कई
उल्लेखनीय कार्यक्रमों को लागू कर चूका है। पिछले दो वर्षों में, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम0एस0पी0) के माध्यम से लघु वनोपज (एम0एफ0पी0) का विपणन और एम0एफ0पी0 के लिए मूल्य श्रृंखला के विकास” ने जनजातीय पारिस्थितिकी तंत्र को बड़े पैमाने पर
प्रभावित किया है। इस योजना के माध्यम से, योजना निधि का उपयोग करके 317.13 करोड़ रुपये के एम0एफ0पी0 की खरीद की गई है और राज्य निधि का उपयोग करके 1542.88 करोड़ मूल्य के एम0एफ0पी0 की ख़रीदी की गई है। इसी योजना का एक घटक, वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप, आदिवासी संग्रहकर्ताओं और वनवासियों और घर में रहने
वाले आदिवासी कारीगरों के लिए रोजगार सृजन के स्रोत के रूप में उभरा है।
दो साल से भी काम समय में, ट्राइफेड ने 25 राज्यों और 2 केंद्रशाशित प्रदेशों के, 52,967 वन धन सेल्फ हेल्प ग्रुप, जो की 3110 वन धन विकास केन्द्रों से बने है, को स्वीकृति दी है और जिससे 9.27 लाख लाभार्थिओं को आजीविका प्राप्त हुई है । इस योजना के माध्यम से विकसित किए गए उत्पादों को ट्राइब्स इंडिया आउटलेट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (www.tribesindia.com) के माध्यम से बेचा जाता है और उन्हें अन्य मार्केटिंग
प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी विपणन किया जाता है।
वर्तमान में, एक आदर्श वन-स्टॉप गंतव्य, “ट्राइब्स इंडिया” के कैटलॉग जिसमें देश भर के प्राकृतिक उत्पाद, हस्तशिल्प और हथकरघा आदिवासी जीवन के तरीकों को
दर्शाते हैं, को शामिल किया गया है। इसके अलावा, TRIFED जनजातीय उत्पादों को “ट्राइब्स इंडिया” नामक अपनी दुकानों के माध्यम से और फ्रैंचाइज़
आउटलेट्स और राज्य एम्पोरिया के आउटलेट्स के माध्यम से विपणन कर रहा है। TRIFED ने 1999 में नई दिल्ली में एकल दुकान के साथ शुरुआत की और
अब, TRIFED 119 ऐसे आउटलेट के माध्यम से इन आदिवासी उत्पादों का
विपणन करता है।