भारत पुन: विश्व गुरू बनने की ओर तेजी से अग्रसर है—-पवन जिंदल
रोहतक, 12 मई। राष्ट्र के नवनिर्माण तथा आर्थिक विकास में युवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। कड़ी मेहनत, जुझारू मनोवृत्ति तथा संकल्पबद्धता के साथ जीवन लक्ष्य हासिल करने का आह्वान आज प्रतिष्ठित उद्योगपति तथा समाजसेवी पवन जिंदल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्ण सभागार में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में किया।
इस संगोष्ठी का आयोजन एमडीयू के छात्र कल्याण कार्यालय ने हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
‘राष्ट्र के नवनिर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषयक इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पवन जिंदल ने विद्यार्थियों को जीवन लक्ष्य तय करने, व्यवस्थित ढंग से जीवन जीने तथा योजनाबद्ध ढंग से जीवन लक्ष्य हासिल करने की सलाह दी। उन्होंने प्रसिद्ध उद्योगपति धीरू भाई अंबानी, उद्योगपति ओम प्रकाश जिंदल तथा अपने खुद के उद्यमिता के अनुभवों को सांझा करते हुए विद्यार्थियों को उद्यमिता के प्रभावी टिप्स दिए।
श्री पवन जिंदल ने कहा कि भारत पुन: विश्व गुरू बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। हमारे युवा पूरी दुनिया में अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर भारत का परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने हर क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा, शोध, अन्तरिक्ष, विज्ञान और खेलों में अपना वर्चस्व स्थापित किया है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर हसरत भरी निगाहों से देख रही है। भारतीय योग और अध्यात्म की शक्ति को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि युवाओं में उर्जा का अथाह भंडार है। यदि वे ठान लें तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है लेकिन उनको अपनी शक्ति और उर्जा को समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण में लगाना होगा, तभी हमारा राष्ट्र बुलंदियों को छू पाएगा। पवन जिंदल ने युवाओं को संगठित और अनुशासित जीवन अपनाकर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होने का कार्य करने का आह्वान किया।
पवन जिंदल ने कहा कि युवाओं को अपने मन रूपी घोड़े की लगाम को कस कर अपने ऊपर नियंत्रण रखना चाहिए। इसके साथ-साथ अपने समय को नियोजित कर अपनी दिनचर्या अपनानी होगी, तभी वे अपने जीवन के लक्ष्यों के साथ-साथ उन्हें समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का भी निर्वहन करना होगा।
इस अवस पर हिन्दी साहित्य केम मर्मज एवं लगभग दो दर्जन पुस्तकों के लेखक प्रोफेसर नरेश मिश्र के साहित्यिक योगदान पर डॉ. अनीता रानी द्वारा लिखित पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसके अलावा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 32 खिलाडिय़ों को उनके राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि युवा वर्ग को जोश-जुनून के साथ जीवन लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता लक्ष्य के प्रति जुनून व जज्बे से मिलती है। पर साथ ही, युवा वर्ग में करूणा का भाव भी बेहद जरूरी है।
इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी के भौतिकी के प्रोफेसर डा. विजय कुमार ने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के मिशन में युवाओं की सशक्त भूमिका है। जरूरत है कि युवा वर्ग अधिकारों के बजाय अपने कर्तव्यों के प्रति विशेष समर्पण भाव रखें। उन्होंने कहा कि विश्व की चोटी की कंपनियों में भारतीय सर्वोच्च स्थानों पर पदासीन हैं। जरूरत है कि स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायी विचारों को आत्मसात कर युवा वर्ग राष्ट्र के नव निर्माण का संकल्प ले।
कार्यक्रम में एमडीयू कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने आभार प्रदर्शन किया। प्रो. तनेजा ने अपने प्रेरणादायी भाषण से उपस्थित विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष संजय राठी ने दिया। एमडीयू के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार ने संगोष्ठी की थीम पर प्रकाश डाला तथा युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका को इंगित किया। इस कार्यक्रम में निदेशक खेल डा. देवेन्द्र सिंह ढुल को खेल क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए तथा विश्वविद्यालय खिलाडिय़ों को उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया।
इस संगोष्ठी में रोहतक के मेयर मनमोहन गोयल, शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. आर.पी. गर्ग, गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार, एनसीसी अधिकारी कर्नल जेपी श्योराण, भाजपा के प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख शमशेर खरक, समाजसेवी भूपेन्द्र मलिक, डॉ. वेद प्रकाश, राजबीर राज्याण, डॉ. जयभगवान शर्मा, आल इंडिया रेडियो के पूर्व निदेशक धर्मपाल मलिक, कैप्टन जगवीर सिंह मलिक, प्रोफेसर आर पी गर्ग, डॉ. जसमेर मलिक, डॉ. प्रदीप बल्हारा, शुक्रमपाल, प्रदीप धनखड़, पूर्ण आहूजा, सुभाष बजाज, बलदेव मल्होत्रा, नवीन मलिक, विपिन सहारण, मनोज गोयल, सुनील कुमार, राधेश्याम गुप्ता, रवि मलिक, जसवंत कोच, डॉ. विवेक बाल्याण, डॉ. मनोज कुमार, बलजीत सिंह, विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, एनसीसी एनएनओ, एनएसएस वालंटियरस, एनसीसी कैडेट्स, प्राध्यापकगण, विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण आदि उपस्थित रहे।