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फिल्म के दो जिंदादिल सितारों को नम आंखों से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं-उदय मंमगाई राठी

देश इस समय वैश्विक महामारी से से जूझ रहा है lलाँकडाउन के सब लोग अपने घरों में है सरकार और प्रशासन समय-समय पर अपील करी है कि सोशल दूरी बनाकर रखें और सरकार ने इस घड़ी में किसी की अचानक मृत्यु होने पर भी 20 लोगों को उसकी अंतिम यात्रा में शामिल होने का आदेश जारी कर रखा है ।आज विश्व के 200 से ज्यादा देश इस महामारी से डटकर मुकाबला कर रहे हैं फिल्मी जगत के दो चमकते सितारे हमे छोडकर चले गये। जिनके लाखों करोड़ों चाहने वाले हैं आज उनकी.अंतिम समय में उनके दर्शन या उनकी अंतिम यात्रा में शामिल भी नही हो पाये। ये विधाता तूने यह कैसा विधि का विधान रचा है जिन लोगों ने जीवन भर लोगों को हंसाया और उनके मनोरंजन के लिए अनेकों फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए आज जब उनका अंतिम समय आया तो उनके चाहने वाले अपने घरों पर ठहर कर अपने नम आंखों से अपने दोनों सितारे इरफान खान व फिल्मी जगत का हंसमुख जिंदादिल ईन्सान ऋषि कपूर की अंतिम विदाई में भी शामिल नहीं हो पाये।देवभूमि उत्तराखंड के दिल्ली प्रवासी समाजसेवी जो हमेशा समाज के दुख सुख में हर दम नजर आता है ओर हर तरह से मदद करने का प्रयास करता दिखता है उदय ममगाई राठी व उत्तराखंड की लोक गायिका बबली ममगाई गई ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज ऋषि कपूर के जाने के बाद फिल्मी जगत को तो जो क्षति हुई है वह कभी पूरी नहीं की जा सकती ,लेकिन उन्होंने हमारी पसंद का कलाकार हीरो आज इस दुनिया को अलविदा कर गया ।उदय मंमगाई राठी ने कहा कि जिसके मैंने अनेकों फिल्म कई बार देखी ।
श्री राठी ने बताया कि आज के दिन उनके लिए बहुत ही दुख भरा दिन है उन्होंने अपने नम आंखों से अपने पसंदीदा अभिनेता ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित करी। उन्होंने कहा कि मैंने ऋषि कपूर जी की हिना फिल्म इतनी बार देख चुका हूं जितनी मेरी उम्र भी नहीं है। फिल्म जगत के दो सितारे इरफान खान ऋषि कपूर आज हमारे बीच नहीं रहे ।मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, और उन दोनों के परिवार को इस क्षति को सहने की क्षमता प्रदान करें,। उन्होंने कहा कि मेरी धर्मपत्नी बबली ममगई और मैं ईश्वर से प्रार्थना करते हैं इन दोनों पुण्य आत्माओं को प्रभु अपने चरणों में स्थान दे ,उन्होंने कुछ पंक्तियां लिखकर भी भेजी है।

आप कभी जा नही सकते
यह आज हर दिल कहtता है

झूठ क्यों कहते हो यारो चला गया
इरफान तो सदा यादों में रहता है

दुःख है तेरे से नजर अब मिलाऊँ कैसे
खुदा ने छीन लिया हमसे अब बुलाऊँ कैसे

तेरी पहली झलक आंखों में आज भी बसती है
तुम्हें धर्म से कैसे जोड़ूँ तू तो इंसानियत की कश्ती है

भावभीनी श्रद्धांजलि इरफान

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