भारत सरकार मिशन मोड में केंद्रीय भंडारण निगम के विकास के लिए संकल्पबद्ध है—गोयल
केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के लिए वर्तमान 130 एलएमटी क्षमता को शीघ्र बढ़ाने समय आ गया
दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) को अपनी वर्तमान 130 एलएमटी क्षमता को शीघ्र बढ़ाने का समय आ गया है ताकि कृषि क्षेत्र के लिए समग्र भंडारण समाधान सुनिश्चित किया जा सके। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के 65वें स्थापना दिवस पर कही।
इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के संचालन में मिशन मोड में भंडारण में गुणवत्ता तथा मानकीकरण का काम किया जाना चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि सभी को लाभ पहुंचाने वाले समग्र भंडारण संबंधी उपाय भारत सरकार के एजेंडे के केन्द्र में हैं। उन्होंने कहा कि भंडारण की क्षमता में विस्तार तथा लॉजिस्टिक लागतों में कमी से किसानों के लिए पारदर्शी, लाभकारी तथा एकीकृत फसल की कटाई के बाद मूल्य श्रृंखला की दिशा में एक व्यापक बदलाव आयेगा और कृषि आय सुधारने में मदद मिलेगी।
उन्होंने सीडब्ल्यूसी से देश की 22 आवश्यक सामग्रियों के लिए भंडारण क्षमता बनाने में उपभोक्ता कार्य विभाग के साथ मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी ने कृषि क्षेत्र के लिए भंडारण और संरचना उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत सरकार मिशन मोड में सीडब्ल्यूसी के विकास के लिए संकल्पबद्ध है। भारत सरकार ने 1000 करोड़ रुपये निवेश के साथ 2014 से 177 परियोजना की मंजूरी सुनिश्चित की है।
आज देश में 217 करोड़ रुपये मूल्य की भंडारण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिससे क्षमता बढ़ेगी, संरचना मजबूत होगी और किसानों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
श्री गोयल ने कहा कि भंडारण और संरचना कृषि इको सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे नुकसान कम करने में मदद मिलेगी और कृषि उत्पादों के मूल्य नियंत्रित रहेंगे।
केंद्रीय भंडारण निगम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 35 एलएमटी अनाज निष्पादन किया और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 189 एलएमटी का प्रबंधन किया।
श्री गोयल ने कहा कि भंडारण निगम को भंडारण प्रदाता से आगे बढ़कर समाधान प्रदाता बनना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भंडारण निगम को मेक इन इंडिया अभियान का नेतृत्व करना चाहिए और भंडारण समाधानों के लिए बढ़ती मांग पूरी करनी चाहिए।