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दो दिनों से मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे निगमों के नेताओं से नहीं मिल रहे हैं मुख्यमंत्री केजरीवाल

नई दिल्ली, 8 दिसम्बर। नगर निगम के बकाए फंड के 13000 हजार करोड़ रुपए देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर दिल्ली के तीनों महापौर का घरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। सोमवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड में भी धरने पर बैठे महापौरों से आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं सांसद प्रवेश साहिब सिंह सुबह तड़के मिले और उनसे चाय पर चर्चा की। तत्पश्चात सांसद मीनाक्षी लेखी ने निगम के तीनों मेयर और नेताओं से मिलकर उनका हालचाल जाना और धरने को समर्थन दिया। इस अवसर पर दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जयप्रकाश, दक्षिणी नगर निगम महापौर अनामिका मिथिलेश सिंह, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर निर्मल जैन, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे। 

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा फंड रोके जाने के कारण निगम के डॉक्टर, शिक्षक, नर्स, सफ़ाईकर्मी और निगम के बाक़ी कर्मचारियों को वेतन देने में बहुत दिक़्क़त हो रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल निगम के हक का पैसा मार कर अपने प्रचार प्रसार में खर्च कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए कि ठंड में जनहित के कार्य करने वाले निगम के नेता उनके घर के बाहर बैठे हैं और केजरीवाल आराम फरमा रहे हैं। कोरोना संकट के समय निगम के कर्मियों ने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर दिल्लीवासियों की सेवा की लेकिन केजरीवाल सरकार ने उनको समय पर वेतन देने के लिए फंड ही जारी नहीं किया। 

आदेश गुप्ता ने बताया कि इससे पहले भी निगम के तीनों मेयर और नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर निगम के 13000 करोड़ रुपए के बकाया फंड को जारी करने के लिए धरना दिया था जिसके बाद केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से यह आश्वासन दिया था कि अगले 10 दिन में बकाया पैसा जारी कर दिया जाएगा लेकिन उनका आश्वासन झूठा निकला। एक बार फिर से दिल्लीवासियों और निगम कर्मियों के हक और हितों के लिए कड़ाके की ठंड में भी निगम नेता मुख्यमंत्री केजरीवाल के द्वार पर बैठे हैं। दिल्ली की जनता व नगर निगम के खिलाफ केजरीवाल सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय के विरुद्ध दिन-रात संघर्षरत है। निगम के नेता मुख्यमंत्री आवास के बाहर तब तक बैठे रहेंगे जब तक मुख्यमंत्री केजरीवाल निगम का बकाया पैसा जारी नहीं करेगी। 

सांसद मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार निगमों का 13000 करोड़ रुपए का फंड जारी करने की बजाय निगमों को ही ख़त्म करने की साजिश रच रही है। केजरीवाल सरकार ने अभी भी पिछले वर्षों के डीएफसी का पैसा नहीं जारी किया और इस वर्ष का डीएफसी लागू भी नहीं किया। स्वराज लाने का झूठ बोलकर सत्ता में आए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शहरी नागरिक निकायों को मजबूत करने का वादा किया था लेकिन आज उसे ही खत्म करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का भारत बंद का एलान फेल हो गया है इसलिए अब वह हाउस अरेस्ट का नाटक कर रहे हैं जबकि उनके घर का रास्ता खुला है। रात में वह सिंधु बॉर्डर गए, शादियों में शिरकत भी की। सब कुछ करने के बाद अब आज वह घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं क्योंकि निकलने पर उन्हें निगम के नेताओं का सामना करना पड़ेगा।  

सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि केजरीवाल से आग्रह है कि जिस तरह का बॉर्डर पर जाकर किसानों के लिए चिंता जाहिर कर रहे हैं उसी तरह अपने आवास के बाहर बैठे निगम नेता और पार्षदों से मिले और निगम का बकाया 13000 करोड़ पर जारी करें। 

निगम के तीनों मेयर के साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, उपाध्यक्ष विजेंद्र यादव, नेता सदन योगेश वर्मा, पूर्वी दिल्ली नगर निगम उपमहापौर हरि प्रकाश बहादुर, स्थाई समिति अध्यक्ष सतपाल सिंह, नेता सदन प्रवेश शर्मा,  दक्षिणी दिल्ली नगर निगम उपाध्यक्ष सुभाष भड़ाना, स्थाई समिति अध्यक्ष राजदत्त गहलोट, नेता सदन नरेंद्र चावला, माया सिंह बिष्ट, पूनम भाटी, सुमन डागर, सुषमा गोदारा, कमलजीत सहरावत, सुनीता कांगड़ा, किरण वैद्य, हिमांशी पांडे, कंचन महेश्वरी, अपर्णा गोयल, कुसुम तोमर, उर्मिला चौधरी, सविता खत्री, अंजू अमन कुमार, उर्मिला राणा, शिवांगी पांडे, अवतार सिंह सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं एवं जोन के अध्यक्ष और कई निगम पार्षदों ने भाग लिया।

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