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चिलाऊ गांव में बाघ का हमला, पशुधन की मौत से ग्रामीणों में रोष और भय
Amar sandesh नैनीडांडा (पौड़ी गढ़वाल।जनपद पौड़ी गढ़वाल के ब्लॉक नैनीडांडा अंतर्गत ग्राम पंचायत चिलाऊ (पट्टी बूंगी) में वन्य जीवों के बढ़ते आतंक से आमजन का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। ताजा घटना में बाघ/टाइगर के हमले से तीन बकरियों की मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और पीड़ित परिवारों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाघ के हमले में दौलत सिंह रावत की दो तथा महेंद्र सिंह रावत की एक बकरी का नुकसान हुआ है। ग्राम चिलाऊ छोटे के निवासी ये परिवार पहले से ही सीमित संसाधनों में जीवन यापन कर रहे हैं, ऐसे में यह घटना उनके लिए गंभीर संकट बन गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि मैदावन वन विभाग के जंगलों से लुठीया नाल होते हुए बाघ, गुलदार एवं भालू ग्राम सभा चिलाऊ और आसपास के गांवों तक लगातार पहुंच रहे हैं। आए दिन हो रहे हमलों के कारण लोग घर से बाहर निकलने में भी भय महसूस कर रहे हैं। स्थिति यह है कि बुजुर्गों, महिलाओं, छोटे बच्चों और विद्यार्थियों के लिए दैनिक आवागमन तक मुश्किल हो गया है।
ग्राम पंचायत प्रधान मंजू देवी ने प्रशासन और वन विभाग से इस गंभीर स्थिति पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में केवल पशुधन ही नहीं, बल्कि मानव जीवन भी लगातार खतरे में है। प्रदेश के कई हिस्सों में बाघ और भालू के हमलों में लोगों की जान तक जा चुकी है, जिससे यह समस्या अब केवल एक गांव तक सीमित न रहकर व्यापक संकट का रूप ले चुकी है।
ग्रामीणों की ओर से प्रशासन से मांग की गई है कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए, प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे लगाए जाएं, वन विभाग द्वारा नियमित गश्त और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा ग्रामवासियों की सुरक्षा के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए तत्काल राहत एवं स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाने की अपील
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