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केदारनाथ यात्रा बनी महिला सशक्तिकरण का माध्यम – सैकड़ों महिला समूहों को मिला रोजगार

Amar sandesh Uttrakhand रुद्रप्रयाग, 5 मई । – इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनी है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और स्थानीय आर्थिकी के लिए भी एक मजबूत आधार बनकर उभरी है। रुद्रप्रयाग जिले के विभिन्न विकासखंडों में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने इस यात्रा सीजन में विविध क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया हजनपद के लगभग 150 महिला समूह इस बार प्रसाद निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री, होमस्टे, जलपान गृह, धूपबत्ती, टेंट संचालन और स्मृति चिह्न (सोवेनियर) निर्माण जैसे कार्यों में जुटे हैं। इससे सैकड़ों महिलाओं को स्वरोजगार मिला है और वे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं।उद्योग विभाग के भटवाड़ीसैंण स्थित ग्रोथ सेंटर में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति तैयार की जा रही है, जो श्रद्धालुओं के बीच एक लोकप्रिय स्मृति चिह्न बन चुकी है। जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित इस केंद्र का संचालन भी स्थानीय महिलाएं ही कर रही हैं। अब तक लगभग पाँच हजार प्रतिकृतियाँ बन चुकी हैं।

ब्लॉक स्तर पर उल्लेखनीय प्रयास

जखोली ब्लॉक: 50 महिला समूहों में से 30 प्रसाद निर्माण, 10 धूपबत्ती निर्माण और 10 स्थानीय उत्पादों की बिक्री में लगे हैं। यहाँ पर बद्री गाय का शुद्ध घी 1200 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।

अगस्त्यमुनि ब्लॉक: 38 महिला समूह स्मृति चिह्न निर्माण, प्रसाद पैकेजिंग, स्थानीय उत्पाद बिक्री और जलपान गृह संचालन में सक्रिय हैं, जिससे लगभग 90 महिलाओं को रोजगार मिला है।

उखीमठ ब्लॉक: यहाँ 60 समूहों की महिलाएं प्रसाद निर्माण, टेंट और होमस्टे संचालन, जलपान गृह और उत्पाद बिक्री जैसे व्यवसायों से जुड़ी हैं।

सरकार का सहयोग, ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा
राज्य सरकार द्वारा महिला समूहों को यात्रा मार्गों पर दुकानें और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी गति दे रही है। सरकार ने अपील की है कि सभी श्रद्धालु स्थानीय महिला समूहों द्वारा तैयार गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिससे उनका आत्मबल और आय दोनों बढ़े।

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