गीता के सूत्र जानने से जीवन मे होते है चमत्कारी परिवर्तन-परमगुरु राधेश्याम
नई दिल्ली,संवाददाता। परमधाम ट्रस्ट प्रमुख श्री राधेश्याम महाराज ने शुक्रवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में, पत्रकार वार्ता कर गीता परम रहस्य पर प्रकाश डाला ! उन्होंने कहा, कि गीता को पढ़ने व समझने से जीवन मे कई चमत्कारी परिवर्तन होते है। इसका जीता-जागता उदाहरण मैं स्वयं हूँ! परम गुरु राधेश्याम जी ने कहा, कि मैंने जीवन में बहुत कुछ खोया है। मेरे ऊपर भी कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगे। आज मैं आप सभी पत्रकार साथियों के माध्यम से यह स्पष्ट करना चाहता हूँ, कि वो दौर गुजर गया उसने बड़े जख्म दिए है। मेरा बीते सात साल से किसी भी कंपनी से कोई लेना देना नही रहा है। आजकल मेरी बढ़ती अध्यात्मिक कार्यो को रोकने के लिए नू वर्ल्ड कम्पनियाँ वाले षडयंत्र पूर्वक मुझे बदनाम करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। मैं बताना चाहता हूँ, कि बदलाव जीवन का हिस्सा है, इसी बदलाव ने गीता के परम रहस्यम को जानने और उसका सुंदर, सरल अनुवाद करने के लिए मुझे प्रेरित किया। ये भगवान श्री कृष्ण की लीला है, कि उन्होंने इस राधेश्याम को इस कार्य के लिए चुना। इसके लिए परमधाम चेरीटेबल ट्रस्ट के सानिध्य में होने वाले विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाने में परम सन्यासी लगे हुए है। गीता परम रहस्यम,सम साधना,परम लीला जैसी उपयोगी पुस्तको के सहारे प्रचार प्रसार में लगे परम सन्यासीयो ने सेवा के प्रकल्प गौ सेवा, नंदी सेवा सहित अन्य कार्यों में जुट गए है। इधर परमधाम में आने वालो के लिए व्यवस्था बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। परमधाम में दिनों दिन परम संन्यासीयो की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए व्यवस्था बढ़ाने में जुटा हुआ है परमधाम। मानसिक शांति, शारीरिक और आत्मिक स्थिति में सुधार हेतु देश के हर जिले में परम धाम ध्यान आश्रम स्थापित करने के संकल्प को लेकर गुरुजी स्वयं सक्रिय है। राष्ट्र सेवा हेतु परम धाम ट्रस्ट के माध्यम से सादकी बॉर्डर ( इंडो- पाक) फाजिल्का मे 221 फीट उच्चा राष्ट्रीय झंडा लगाने का संकल्प किया है। इस कार्य की नीव रख दी गई है। जल्द ही इसको पुरा कर लिया जायेगा। गुरु श्री राधेश्याम जी ने बताया, कि ध्यान योग से हम अपने अंदर शांति और समरसता का अनुभव करते है। ध्यान योग से हमे आत्म ज्ञान प्राप्त तो होता ही है हम अपने भीतर की शक्तियों को भी पहचान सकते हैं। गीता के परम रहस्य और जीवन को जीने के लिए धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की सरल, सुंदर व्याख्या करते हुए “परमधाम” आगे बढ़ता जा रहा है।